शब्दों का जादू
- ईन्धन से अग्नि तृप्त हो सकती है , नदियों से समुद्र तृप्त हो सकता
है , पर प्राणी विषयों से तृप्त नहीं हो सकता।
- हमारी अज्ञानता- हमें जिन चीजों में कंजूसी करना चाहिए उनमें हम
नहीं करते जैसे-हमारी बुराईयाँ । और जिनमें कंजूसी नहीं करनी
चाहिए उनमें हम करते हैं , जैसे-मीठे बोल ।
- कम खाना , गम खाना , कम सोना , कम बोलना , कम दुनिया से प्रीत यही है बड़ों की रीत ।
- इतिहास भी यही कहता है शासन क्रूरता से नहीं सरलता से चलता
है। क्रूरता पतन का कारण है , सरलता इतिहास रचवाती है ।
- जब रोने का समय आय तब समझना कि अब अच्छे कर्म करने का
समय आ गया है । जब आपके हंसने का समय आय तब समझना
कि आपके अच्छे कर्मो का समय चल रहा है ।
- जिस हार से तुम्हें प्रेरणा मिले उस हार को दुलारों , ।
चल कर कठिन रास्तों पर तुम जीवन का रङ्ग निखारो ।।
- मेरी निन्दा करने से किसी को सन्तोष होता है तो मेरे द्वारा उन पर
कृपा हुई बिना प्रयत्न के , क्योंकि परोपकारी पुरुष दूसरों के
सन्तोष के लिए कष्टोपार्जित धन का भी त्याग कर देते हैं । मैंने तो
बिना प्रयत्न के ही उन पर कृपा कर दी ।
- दुःखी मत हो उम्र बड़ी होती है रोने वालों की ,।
देखना गीली लकड़ी जलते-जलते जलेगी ।।
- जानवर और इंसान में यही अन्तर है कि जानवर दूसरों के बनाए
पिञ्जड़े में रहता है और इंसान अपने लिए खुद पिञ्जड़ा धूंड़ता है
। जैसे - पिञ्जड़े में सात जोड़ होते हैं और फेरे भी सात होते हैं ।
- लोग कहते हैं दुःख बुरा होता है , जब आता है रुला जाता है ।
हम कहते हैं दुःख होता है , जब भी आता है कुछ नया सिखा जाता
है ।।
- मुझे जीने का बहाना मिल गया , मेरी जिन्दगी को सहारा मिल गया
। मैं क्या लगाऊँ दांव पर तुम्हें पाने गुरुवर , क्योंकि मेरी जिन्दगी
का खजाना तुम हो गुरुवर ।
- ज्ञान को सूर्य की उपमा देना व्यर्थ है क्योंकि सूर्य नियत समय-स्थान
पर ही प्रकाश देता है और बादलों में ढ़क भी जाता हैं। लेकिन ज्ञान
सूर्य असीम समय , हर स्थान और उसे ढ़कने वाली कोई वस्तु नहीं
अर्थात् ज्ञान ही सर्वोत्कृष्ट अक्षीण वस्तु है ।
- काबिले तारीफ के वो नहीं जिसे जीत का पता होने पर लड़
रहा हो ,बल्कि वो है जिसकी हार निश्चित है फिर भी वह डटा हो ।
- ज्ञान प्राप्ति में संकट आए , विष खाना पड़े , जंगल जाना पड़े ,
अग्नि से निकलना पड़े , और तो और यमराज की गोद में सोना पड़े
तो अच्छा है क्योंकि बिना ज्ञान के आदमी को आदमी गधा बना देते
हैं।
- आप खुद को जहाँ चाहते हैं , आप वहीं हैं । अगर आप आगे हैं तो
शुक्र मानो पीछे वालों का , अगर आप पीछे हैं तो शुक्र मानों आगे
वालों का , जो आपको यह कहने का मौका दे रहे हैं ।
- आप जिनके लिए पाप कर रहे हैं , वे आपके दुख में रहेंगे क्या ?
- प्राणी नश्वर वस्तु से अनुराग करता है , जबकि शाश्वत वस्तु से नहीं
करता ।
- व्यक्ति समझते हुए भी यह नहीं समझता की मैं अकेला हूँ ।
- आप एक लोटा पानी छान सकते हैं लेकिन पूरा कुआँ नहीं ,
उसी प्रकार आप सुधर सकते हैं ,पर पूरे ब्रह्मान्ड को नहीं सुधार
सकते।
- व्यक्ति जो स्वयं नहीं समझता , दूसरों को वही समझाता हैं।
- सङ्गति अच्छी रखो क्योंकि दुनिया शराबियों के साथ बैठकर दूध
वाले को भी शराबी कहती हैं ।
- दुनियाँ दोस्ती नहीं , पर दुश्मनी अच्छे से निभाती हैं ।
- यह सच है कि मैं स्वार्थी हूँ लेकिन सिर्फ दूसरों की नजरों में ,
अपनी नजरों में नहीं ।
- यह सच है दुनियाँ उन्हें पूछती है जिसने काबिलियत को अपने पैरों
से रौंदा है ।
- अगर मेरे पीछे रहने से कोई खुश है तो मुझे पिछड़ापन , अकेलापन
, खालीपन भी मंजूर है क्योंकि मेरे पास संतोष हैं ।
- शौर्य प्रदर्शन तो तब है जब क्रोध आने पर भी आप अपने को
संयमित रखें ।
- छाया- माया यह दोनों स्थाई नहीं घटना- बढ़ना स्वभाव है ।
-सबसे बलवान कौन है ? मृत्यु- जिसे मानव -दानव एक ही हैं ।
- जब शरीर निर्बल हो जाता है , तब इच्छा बलवान हो जाती है ।
- अभाव में इच्छा प्रबल अधिक होती हैं ।
- जब तक कार्य सध ना जाए तब तक तो सब आपके साथ हैं , फिर ?
- नदी , नारी , और नीर की गहराई और इनके अन्दर क्या है , कोई
नहीं जानता ।
- जब तुम्हें अपने आप पर पूरा विश्वास हो तभी कुछ बोलो , क्योंकि
अन्धेरे में रस्सी भी साँप लगती हैं।
- लोभ को चौकीदार , घर को बन्दी गृह , पुत्र को फांसी और स्त्री को
बेड़ी समझो ।
- स्वयं को समय के अनुसार परिवर्तित करें क्योंकि टेड़े को सुख
कहाँ और सीधे को भी सुख कहाँ।
- आलस से विद्या परहित में दी वस्तु और बिना नायक के सेना नाश
होती हैं ।
- राजा , भूत , और सभा के मध्य विद्वान इन की निन्दा मत करो ,
क्योंकि इन जैसा कोई नहीं और इन सा कोई नहीं ।
- वेद्य के आगे और घोड़े के पीछे खड़े मत हो।
- आराम से आराम कर सोचो , बिना मेहनत किए क्या तुम्हें यह
आराम मिल सकता हैं ।
- उस पुत्रवान माँ से तो बांझ ही सही है जो विद्या , विनय , बुद्धि हीन
हो ।
- अगर गङ्गा जल से पाप कट सकते हैं तो पुण्य भी तो कट सकता हैं ।
श्रावक -
श्र - श्रध्दावान्
आ - आचरणवान्
व - विवेकवान्
क - कर्त्तव्यवान् ( क्रियावान् )
- जिस प्रकार समझदार मानव धन , सम्पदा आदि को श्रेष्ठ स्थान पर
रखता है ।
उसी प्रकार धर्म भी अपने आराधक को श्रेष्ठ स्थान पर ( स्वर्ग ,
Bमोक्षादि ) रखता है।
- जिसके पास सन्तोष है वो धनी हो अथवा निर्धन , ये पता नही
लेकिन वह सुखी अवश्य होगा ।
- जिन्दा में तुम कितना ही धन-धन कहो लेकिन मरने के बाद दुनियाँ
तो तुम्हे ' निधन ’ ही कहेगी ।
- ये रिश्तेदार बुलबुले की तरह होते है इन्हे खुद का तो भरोसा नहीं तो
ये आपकी मुशीवत में क्या काम आयेगें ।
- अगर आप अपनी मंजिल नहीं जानते तो आपको मील के पत्थर
राह नहीं दिखा सकते ।
- आज के रिश्ते ’ रेत की दीवाल और पानी की छत ‘ के जैसे
मजबूत है । इन्हे गिराने की जरूरत ही नहीं ।
- हकीकत में तो अमीर वह है जो सन्तोषी हैं ,
गरीब तो वो है जो बिलासिता से अपनी गरीबी छिपाते हैं ।
- हार कर तू हौसला , कीमत हार की न घटा ।
पतवार की कीमत न घटा , डर के मझधार से तू ।।
- मुझे यह करना है , वह करना है , ये तो याद है लेकिन तुम अमरनहीं
ये क्यों भूल गये ।
- गलती जिन्दगी में सिर्फ इक बार होती है अगर आप उसे दुबारा
करते है तो वह गलती नहीं आपकी मर्जी हैं ।
- प्रेरणा दो लेकिन पेरना मत दो ।
- सबकी यही कोशिश रहती है दूसरे को अपना बनाने की और खुद
की भूल जाने ।
- समर्पण तो एक गुरू पर हो सकता है लेकिन श्रद्धान सभी गुरुओं
पर होना चाहिए ।
- जब कोई अपना हमें धोका दे तब जो अनुभूती होती है उसे हम
याद रखे तो ऐसा दुबारा हो नहीं सकता हमारे साथ ।
- हम जैसा सोचते है , वैसा होता नहीं , जैसा होता है वैसा सोचते नहीं ।
- अगर आपको पग -पग पर धोखा मिल रहा है तो उसे धोखा मत
समझना उसे अपने आपको मजबूत करने वाला समझ धन्यवाद
देना ।
- जो अक्ल ठोकर खाने से आती है वह बादाम खाने से नहीं आती ।
- हम किसी भी व्यक्ति को अपना तो समझ लेते है लेकिन वो हमें
धोखा भी दे सकता है ये नहीं समझ नहीं पाते ।
- समझदार उसे कहते है जो दूसरों की गलतियाँ देखकर खुद सम्भल
जाए ।
- अगर अपने ही हमें धोखा न देते तो शायद हम दुनियाँ को अच्छी
तरह न समझ पाते ।
- कहते हैं पैसा होने पर सुकून मिलता है लेकिन हम तो थक गये
सुकुन धूड़ते - धूड़ते , पैसा तो मिला पर सुकून नजर नहीं आया ।
- जिन्दगी तो अपने अनुसार ही जी जाती हैं ।
औरों के सहारे तो अर्थी निकाली जाती हैं ।
- कुछ बाते ऐसी होती है जो लिखी या बोली नहीं जाती वो सिर्फ
महसूस की जाती हैं ।
- जो सच्चा मित्र होता है उसे शब्दो की अपेक्षा भावनाओं से ज्यादा
समझ आता हैं ।
- विश्वास शब्द पढ़ने में तो 5 सेकेण्ड और करने में जिन्दगी लग
जाती है ।
- काश अपना कह देने मात्र से ही कोई अपना हो जाता ।
- ध्यान तो दूसरों का रखा जाता हैअपनो का नहीं ।
- भले ही खाने को कुछ न हो लेकिन इज्जत हो तो पेट दबा और
सीना चौड़ा हो जाता है ।
- मेहनत से सपने भी सच हो जाते हैं ।
- भूखे रहना तो अच्छा है लेकिन किसी के अहसान तले रहना अच्छा
नहीं हैं ।
- परेशानी हमेशा कुछ न कुछ सिखा कर जाती है ।
- विपत्ति हमें आत्मविश्लेषण करने का मौका देती है ।
- समस्याओं से डरना नहीं बल्कि उनका हल निकालना चाहिए ।
- दुःख आए तो रोओ मत उसका कारण ढूंड़ों ।
- हम दूसरो को अपना प्यार तो दे सकते हैं लेकिन अपने विचार नहीं
दे सकते ।
- एक महान शिक्षक वही हैं जो छात्रों के भीतर छिपी शक्ति , योग्यता
और क्षमता का आभास करते हैं ।
- अगर आपके पास इच्छा , आस्था और उम्मीदें हैं , तो आप जीवन
में सफल होने और नतीजों को हासिल कर सकते हैं ।
- जो कमजोर शिक्षक से होशियार छात्र सीख सकता है वह होशियार
शिक्षक से कमजोर छात्र नहीं सीख सकता ।
- जब तक आपके अन्दर तीव्र इच्छा शक्ति नहीं होगी , तब तक आप
कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते ।
- पहले खुद सुधरों फिर किसी और को सुधारों ।
- हमें अपनी लाइफ के ऑनली प्रूफ-रीडर नही बनना है , या तो
राइटर बनो है या तो रीडर बनो ।
- अभाव में प्राप्ति इच्छा प्रबलता को प्राप्त होती है ।
- एक कमी
जो शायद हमेशा बनी रही
सोचा था -
मरते मरते ,
मिलेगा कोई मरने वाला
हम मर गये
पर मिला न कोई मरने वाला
सोचा था
रहेंगे आराम से साथ ,
आराम हराम हो गया
पर मिला न कोई मरने वाला
सोचता था ,
खुशी होगी इतनी
अफसोस स्वाद भी न चख सका ।
मैं जीता नहीं कोई गम नहीं ,
मैं हारुगां भी नहीं ।
इसका एहसास है मुझे।
अंतिम दिन तक।
- हारना बुरी बात नहीं , हार कर रुकना बुरी बात हैं ।
- तुम हारों या जीतों लेकिन अपने मन को कभी हारने मत देना ,
- तारीफ के योग्य वह नहीं जिसकी जीत निश्चत हो बल्कि वह है
जिसकी हार निश्चित होने पर भी मैदान न छोड़ा हो।
- हमारी सबसे बड़ी भूल है कि हम अपनी जगह अपनों पर विश्वास
करते हैं ।
- वस्तु की कीमत नहीं होती ‘ कब ,क्यों , किसने दी ’कीमत इस बात
की होती है । इसलिए हमें बेकार चींज भी बेसुमार लगती है ।
- जो वे मोल को अनमोल बना दें उन्हें ‘ गुरु ’कहते हैं ।
- या तो तुम किसी को अपना बना लो या फिर तुम किसी के बन
जाओ ।
- क्रोधी व्यक्ति का कोई भी कार्य निर्विघ्न समाप्त नहीं होता है ।
- बेईमान को देखने मात्र से जो पहचान जाए तो समझ जाओ वह
उससे भी बड़ा बेईमान हैं ।
- राजा , मालिक , गुरु और स्त्री मायाचार( चापलूसी ) करने वालों से
अधिक प्रसन्न होते हैं ।
- कड़वा सत्य भी हानिकारक हो सकता हैं ।
- यदि सफल होना चाहते हो तो पहले असफलता का ह्रदय से
अभिवादन करो ।
- असफलता सफलता को दे सकती हैं ।
- आँखे ह्दय को पढ़ने की किताब हैं।
- आँखों के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व को जाना जा सकता हैं ।
- जो अन्धेरे में भी आपका हाथ थाम ले वही आपका सच्चा मित्र हैं ।
- दोस्ती में दगाबाजी , दोस्त को दुश्मन बना देती हैं ।
- जो अपनी जबान पर लगाम लगाना जानता है , वह सब कुछ न
जानते हुए भी सब जानता हैं ।
- मौन एक ऐसा अस्त्र है जो मूर्ख को भी विद्वान् बना देता हैं ।
- जब किसी व्यक्ति के लक्ष्य की दूरी नापते है तो उसके पैरों की
स्थिति हकीकत बताय वगैर नहीं रहती ।
- मुश्किल रास्तों पर चलने वालों के कदम मजबूत और बोल खरे
होते हैं ।
- ढ़ौंग में नहीं , ढंग से जीओ ।
- स्वभाव प्रश्न का विषय हुआ है ?
- समय एक ऐसी चीज है जो अन्धे को भी बहुत कुछ दिखा देती हैं ।
- खुशियाँ दो ही रास्ते से आती हैं या तो हमारी जिन्दगी में कोई आ
जाए या कोई हमारी जिन्दगी से............।
- माना हमारे जलवे रहे पर जल वें क्यों रहे ।
- दो ही बार दिल जनरेटर की तरह धड़कता है या तो कोई अपनी
जिन्दगी में उतर आए या कोई अपना जिन्दगी से उतर जाए ।
- अपनों के लिए न कोई बात है , सपनों के लिए न कोई रात है ।
- सबका मतलब यही है कि कुछ मतलब नहीं ।
- जितना दिमाग लगायेगें , उतना ही खराब होगा ।
- आज जो अकेला अनाथ है कल वही नरनाथ हो सकता है अगर
वह ठान लें तो ।
- कैसे मान ले उसे जीना आ गया , जो मरने को ही नहीं जान पाया ।
- लीडर तो सभी बन रहे हैं पर फॉलोअर कोई नहीं ।
- जो अन्दर से सच्चा , सुन्दर है वह बाहर से कैसे बुरा हो सकता है ।
- गुलाब काँटों के बीच न पला होता तो क्या वह इतनी सुगन्ध बिखेर
पाता ?
- भलाई कह कर हम जब तक बुराई का स्वागत नहीं करेगें , तब तक
वह हमारे जीवन में प्रवेश नहीं कर सकती ।
- मेरी एक ही दुआ है कि मेरी कोई दुआ न हो ।
- ये मुमकिन नहीं कि दुनियाँ सुधर जाए इसलिए तुम ही इस बेकार
दुनियाँ को छोड़ दो ।
- जो फरिश्तों से हो सके , वह इंसान भी कर सके है , जो फरिश्तें भी
न कर सके , वह है इंसान ।
- खूब तरसाया है तुझे इन ख्वाहिशों नें ।
क्यों न ऐसा हो तू भी छोड़ दे इन तरसती ख्वाहिशो को ।।
-जमीं छानी , आसमां देखा , बता अब कहाँ जाऊ , सुख को खोजने ?
- चार दिन की जिन्दगी में क्यों दुःख उठाना है ?
राख का पुतला है तू , खाक में मिल जाना है ।।
- जिन्दगी की कैद में दुनियाँ की खाक छानी ।
उन हदों से गुजरा हूँ , खुद मुझे मालूम नहीं ।।
- ऐसा गुलाब कौन है जो परेशान न हुआ ।।
ऐसा घर कौन है जो वीरान न हुआ ।।
- नीयत अच्छी नहीं तो सूरत से क्या ?
जिस गुलाब में बू नहीं उस गुलाब से क्या ?
- फेंक दो उस तमन्ना वृक्ष जड़ को , जिस पर अभी तक न फल आया
न फूल ।
- जान लेने वालों की औकात देखी है मैंने ।
मौत को रोकने वाला अभी पैदा नहीं हुआ ।।
- चार दिन की जिन्दगी में दो दिन आरजू में गए और दो दिन इन्तजार
में ।
- बजेगी मौत की घंटी सजेगी सेज कफन की । होगा खामोश
माहौल निकलेगी ना मन से मन की ।।
- एक फूल मचल जाए तो उपवन बन सकता है ।
एक लहर मचल जाए तो तूफां बन सकता है ।।
- अपने जख्मों और खुशियों को दूसरों से छुपा कर रखिए , कमी नहीं
है जख्मों पर नमक और खुशियों पर नजर लगाने वालों की ।
- फूल सूंघने से पहले दामन सम्भालो , कहीं दाग न लग जाए ।
- समय का फेर है जिन्हें मखमल के गद्दे पर नींद मुश्किल थी ,
तकिया लगाने आज उन्हें ईंट ढूंढना पड़ती है ।
- कहने वालों की नहीं , कमी तो करने वालों की है ।
- क्या बिगड़ जाता थोड़ी देर में उस याद का ? बाहर आई थी विहार
करा दिया ।
- कैद कर लेना ताउम्र याद , थोड़ी देर रुक जाति क्या बिगड़ता तेरा ?
मैं बहार तो देख लेता ।
- कोई जरूरत नहीं अपनी विशेषता बताने की अगर है तो , क्या
कभी गुलाब से सुना है मुझे सूंघ कर तो देखों ।
- उन्हें क्या दर्द जुदाई का मित्र , पत्थर से सजदा करने से क्या
फायदा ।
- अगर सोच लो उन्नति पाने की तो कोई कैसे रोके भाई ?
ऊपर वाले की तरह ही हम सब ने शक्ति पाई ।
- मुझे अपने लक्ष्य की तो खबर नहीं ।
खबर है चाँद सितारों की वो सफर में है ।
- हे भगवान ! मैं सोऊ उसके पहले जाग जाऊं ।
- चैन से रहने के लिए सारी उम्र गवॉ कर एक मकां बनाया ।
अफसोस मकां बनाते-बनाते उम्र ही न बचा पाया ।।
- क्या बिगड़ता चार क्षण में उस याद का ? मजा तक नहीं लेने दिया
इस बहार का ।।
- भाग्य महलों में राज कराता है , योग्यता सड़कों पर तमाशा रचवाती
है ।
- कहाँ से आए बच्चों में बू माँ-बाप के प्यार की ,
दूध भी ना पिला सके , डिब्बे पर छाप है माँ की ।।
- लोगों ने किया समय को बदनाम वह बदल जाता है ।
पर हमने देखा बदलते समय इंसान ही बदलता है ।।
- मत करो मजाक अपनों से , देखा है हमने , क्षणों की गलती -
सदियों ने भुगती है ।
- जरा होश में ला तू अपनी बुद्धि और बोली को, हैवान बन रहा है
इंसानी रूप में।
- सेवक की जिन्दगी भी क्या जिन्दगी , मरना भी इसकी बदनसीबी है ।
- कैसे करें विश्वास वफादारी का जहां भाई हैं ?
खून का प्यासा भाई का ।
- जब बात अपने पर आए तो मुश्किल हो जाता है बोलना ।
दूसरों की बारी पर मुश्किल हो जाता है बोली को रोक पाना ।।
- पता चला है मुझे अपनों से राज इस छल का , देते हैं जहर कहते हैं
मिठाई ।
- वह क्षमावान् ही हो सकता है जिसके न अन्दर न बाहर कोई भी
शत्रु नहीं होता हैं ।
- मत चूकों मौके पर , मौका चूकने पर खाक हाथ में होती हैं ।
- शुभ कार्यों में तनिक भी देर मत करो अवसर चूकने पर फिर क्या ?
- कुछ भी खर्च नहीं होता, मीठा बोलने पर।
- मत खुश हो अपने उगते भाग्य पर , सूर्य ढ़ल जाता है शाम को ।
- एक- एक बूंद से घड़ा भर जाता है तो क्षण-क्षण के अभ्यास से
मूर्ख भी पन्डित बन जाता हैं।
- कभी ऐसा भी हुआ सज्जनों की सङ्गति भी शठ की शठता नहीं
हर पाई ।
- कुल की ख्याति सुपुत्र से होती है और धर्म से त्रिलोक में ख्याति
होती हैं ।
- अगर आपको जरूरत पर याद किया जा रहा है तो यह मत समझो
- वह स्वार्थी है क्योंकि नाव की जरूरत सिर्फ नदी पार करने पर ही
पड़ती हैं ।
- क्षमावान् का क्रोध ज्यादा देर नहीं रहता क्योंकि ईंधन बिना अग्नि
स्वयं बुझ जाती है ।
- पारस के स्पर्श से लोह स्वर्ण हो जाता है ।
प्रभु की भक्ति से मनुष्य महान हो जाता है ।।
- वह मरने पर भी जीवित रहते हैं जो सुख में , दुःखी लोगों की याद
करते हैं ।
- मौन से कलह , जागने से भय , पढ़ने से मूर्खता और तप- त्याग से
पाप नश जाते हैं ।
- तीन चीज एक साथ हो यह मुश्किल है - 1. मीठे वचनों के साथ
दान 2. अहंकार बिना ज्ञान और 3. शूरता होने पर भी क्षमाशील
होना ।
- सुना था जिनके अल्फाजों में कभी बद्दुआ नहीं होती , वह माँ है
जो कभी खफा नहीं होती ।
- आ गए कुछ लोग इस शब्द को बदनाम करने को ,मरने की दुआ
देते हैं अपने कलेजे के टुकड़े को।।
- वृद्धावस्था में बन्धु और धन हाथ से जाने पर और पराधीन आहार
महा दुःख दायक होते हैं ।
- तुम्हारा पैसा , तुम्हारा पुत्र , तुम्हारा शरीर और तुम्हारी पत्नी आँखें
बन्द होने पर तुम्हारे नहीं रहेंगें ।
- समय के अनुसार अपने को बदलना कला भी है और स्वार्थी पन भी
है ।
- कहीं से और कैसे भी अपने कार्य की सिद्धि करना तो चतुरता नहीं
चलाकी हैं ।
- जो खुद को एवं दूसरे को बचा ले वह चतुर है , जो खुद बचे दूसरे
को फसा दे वह चालाक हैं ।
- मंजिल हमारी हमारे अन्दर है और खोजते हम बाहर हैं ।
- वह अज्ञानी नहीं जिसे ज्ञान ना हो अज्ञानी वह है जिसे इसका भान
ना हो ।
- पराश्रित कार्य कभी अपने अनुकूल नहीं होता ।
- कार्य में पूर्णता चाहिए तो खुद परिश्रम करो ।
- बिना आपके आप जैसा कार्य नहीं हो सकता ।
- अनुभव की कमी में विश्वास पूर्ण बातें नहीं हो सकती हैं ।
- मतलबी व्यक्ति हमेशा पराश्रित ही रह सकता हैं ।
- आपका कार्य श्रेष्ठ है तो फल प्राप्ति में अधीर मत हो ।
- फल की प्राप्ति अपूर्ण कार्य पर नहीं , कार्य की पूर्णता पर मिलती हैं ।
- संसार में वह व्यक्ति सबसे ज्यादा निकृष्ट है जो अपने कार्य की
सिद्धि के लिए दूसरों को आपस में भिड़ा दे ।
- ऐसा क्यों होता है अपनी गलती पर दूसरों को दोष दिया जाता हैं ।
- हवा की ठंड और डर का भूत जब याद आए तभी हाजिर हो जाते
हैं ।
- साइकोलॉजी एक ऐसा रोग है जो असाध्य से भी ज्यादा घातक हैं ।
- असली जीवन का आनंद तो सन्तोषी प्रवृत्ति में ही हैं ।
- दूसरों पर पार पाना कुछ नहीं स्वयं पर पार पाना बहुत कुछ हैं ।
- बिना ज्ञान के ज्ञान देने वालों का क्या होगा ?
; बिना कष्ट उठाए दूसरों के कष्ट कौन समझ सकता हैं ?
- जितने अधिक पञ्च होंगे उतनी अधिक माथा-पञ्ची होगी ।
- सही कबाड़ापन का नजारा देखना है तो आप वहाँ जाइए जहाँ
लीडरस् की भरमार हैं ।
- अगर आपका व्यक्तित्व श्रेष्ठ है तो आपके पास आपको चाहने
वालों की कमी नहीं होगी ।
- दोस्त उन्हे नहीं कहते जो सुख में काम आय।
- शरीर में दम नहीं , गुस्सा किसी से कम नहीं ।
- दूसरों के माल पर मजे उड़ाना , इन्सानों का नहीं हैवानों का काम हैं ।
- कितना अच्छा होता कि इन्सान कम इन्सानियत ज्यादा होती ।
- अवसर निकल जाने पर तलाशना किसका काम हैं ?
- काम साध कर भाग जाने वाले को क्या कहे ?
- दूसरों की प्रंशसा करने से पहले उसे याद करो जिसने तुम पर
उपकार किये हैं ।
- आपके पास कितना भी ज्ञान क्यों न हो अगर समय पर काम नहीं
आय तो वो आपके किस काम का ?
- समय के अनुसार सीधापन भी आपको विपत्ति में डाल सकता हैं ।
- पाप के उदय में बार-बार खाने वाले को दान-दाना मिलता है , पुण्य
के उदय में दाना-दाना खाने वाले को बार-बार मिलता हैं ।
- जैसा परवर्ति , वैसा उत्तरवर्ति ।
- अगर आपको दूसरों को अपने मन की बात कहना है तो पहले
उनके मन की सुनों ।
- अगर आप योग्य है तो निष्प्रयोजन वस्तु भी आपके हाथ में जा कर
प्रयोजन भूत हो जाती हैं ।
- मत करो घमण्ड ऊपर अपने , जो तुम दूसरों को दे रहे हो वो तुम
नहीं कोई और हैं ।
- सज्जनों के साथ दुर्जन रहे तो वो भी सज्जन ही गिना जाता हैं ।
- जो जिनेन्द्र भगवान की पूजन , स्तुति करते हैं,उनके लिए जीवन में
‘ दुर्लभ ’शब्द नहीं होता ।
- शरीर की भूख तो कोई भी नष्ट कर सकता है,बात तो तब है जब
आप मन की भूख नष्ट करें ।
- जिसके पास आशा नहीं उसके पास दासता नहीं ।
- वह सम्पूर्ण जगत का दास है जिसके पास आस हैं ।
- अगर जला है विश्वास दीपक का तो उसे कमजोर आँधियाँ नहीं
बुझा सकती ।
- लगन है आपके अन्दर तो मजबूरियाँ बाधक नहीं हो सकती ।
- विश्वास है तो डर नहीं , डर है तो विश्वास नहीं ।
- आप निरन्तर गतिशील हैं तो लक्ष्य दूर नहीं ।
- जिसे अपने लक्ष्य को पाना है,उसे सब छोड़ना होगा ।
- इतना भी मत डराओं दूसरों को , कि डर ही डर जाए ।
- दीपक की भांति जलो , फूल की तरह फूलों,फल की तरह फलों
और लक्ष्य की प्राप्ति में त्याग से मत डरों ।
- मुस्कुराकर गम जिसको झेलना आ गया , उसको जीवन जीना आ
गया ।
- छात्र खाली स्लेट है जैसा लिखोंगें वैसा बनेगें ।
- तुम खुशी से रहना चाहते हो तो दूसरों के सहारे मत रहना ।
- स्वच्छन्द प्रवृत्ति , धन की चाह , प्रेम , अविनय , भोग और आलस्य
है तो अध्ययन नहीं हो सकता ।
- कुछ लोगों को समझ समय निकलने पर आती है ।
- स्वाभिमान तो छोटो को भी हो सकता है , लड़ने का बल नहीं तो
क्या ? अपने अधिकार में अपने बलिदान की हिम्मत तो हो सकती
है
-बात कड़वी तरीका सही हो तो बात कड़वी नहीं रहती ।
- पक्षपात् रहित जीवन व्यतीत करना सामान्य बात नहीं ।
- अपने अधिकार के लिये प्राण जाय तो कोई गम नहीं ,
तुम्हारा दिल वह चीज है जिसमें रहम नाम की चीज नहीं ।
- मुझे गम नहीं मैं अकेला हूँ , गम इस बात का है जिसे ढूंढा वह
मिला नहीं ।
- जब आपके साथ बुरा हो रहा हो और बुरा ही होता जाए तो ये मत
समझों कि मेरे साथ बुरा हो रहा है , ये समझों कि हमारी कड़ी
परीक्षा चल रही है ।
- सोचना अच्छा है हमारा जीवन पक्षपात् रहित हो लेकिन चरित्रार्थ
करना ।
- उसे विद्या प्राप्त नहीं होती जो-आलसी , मन्दबुद्धि , सुखाकांक्षी ,
निन्द्रालु , कामी है ।
- कण -कण के त्याग से कोई धनवान् , नही हो सकता उसी प्रकार
क्षण-क्षण के त्याग से कोई विद्वान् नहीं हो सकता ।
- जब तुम्हारे पास परेशानी हो तो परेशान मत हो परेशानी का हल
ढूड़ो ।
- जब तक आप स्वस्थ , निरोगी व युवा हैं तभी आत्मकल्याण के
मार्ग पर चलना शुरु कर दों क्या पता आप वृद्ध हो पाय या.....।
- अपने दुःख में रोना कौन नहीं जानता , महान् तो वह है जो दूसरों
के दुःख में रोना जानता है ।
- अपने काम करना तो सभी को आता है , दूसरों के काम आना बहुत
कम को आता है ।
- जो जिन्दगी को बोझ समझता है उसकी फिर जिन्दगी नहीं रहती
बोझ बन जाती है ।
- मेरी एक ही आशा मेरी कोई आश न हो।
- अच्छे व्यक्तियों के साथ से , और कुछ अच्छा हो सकता है ?
- जिसके पास बिना विद्या के बुद्धि है उसका तो उद्धार हो भी सकता
है । लेकिन जिसके पास बुद्धि के बिना विद्या है उसका तो विनाश
निश्चित ही है।
- जल जाना अच्छा है पर जलते रहना अच्छा नहीं ।
- कार्य कारी बुद्धी होती है विद्या नहीं ।
- इन्सान तूझमें जीते -जी हल्कापन नहीं आया पर मरने के बाद तो
तैरने ही लगे पानी में ।
- संघर्ष और पुरुषार्थ के फल को ही जिन्दगी कहते हैं ।
- धार में तो मुर्दा भी वह जाता है , विपरीत दिशा में तैरने को ही
पुरुषार्थ कहते हैं ।
- तुम कहीं से भी एक तिली तो लाओ यहाँ लगाने वालों की कमी
नहीं है ।
- खुलकर पाप करना अपराध है, छिपकर करना महापाप है ।
- वापस आता नहीं जान से मरा ।
एहसान का मरा , सर उठा पाता नहीं ।।
- गलती याद आती है हो जाने के बाद ।
याद आती है जिन्दगी ठोकरें खाने के बाद ।।
- मारना ही चाहते हो तो मार दो एहसान से ।
न मरेगा बार-बार मार दोगे जान से ।।
- आपको अपनी विशेषता बताने की जरुरत नहीं ।
क्योंकि वह स्वयं आम लोगों में विशिष्ट होती है ।।
- भूले हुये थे हम अपने आप को ।
ठोकरें खाने के बाद याद आई जिन्दगी की ।।
- यह बात बहुत अच्छी है । संगठन में शक्ति है ।।
- दीपक जला कर भी बुझ सकता है , नाव तूफान से निकल सकती
है , मत हारों हार जाने पर तुम चाहो जीत सकते हार जाने पर ।।
- मत हारो , हार जाने पर । हार ।
हार सकती हैं तुम्हारे जाग जाने पर ।।
- मत छूओ इन ऊँची इमारतों को गरीबों के खून से हाथ रङ्ग जाएगें ।
- अब क्यों पछता रहे हो निकाल कर मुझे ? देख इस महफिल में
दुबारा ।
- सत्य के दीपक को न बुझा सका तूंफान भी ।
झूठ का दीपक खुद बुझ गया नर्म हवा में ।।
- मत करो वक्त पर भरोसा न जाने कब चल जाए उसकी आँधी ।
- सदा खबरदार रहो वरन समझदारी काम नहीं आयेगी ।
- मत करो उस बेबफा पर बेहद गुस्सा जरुर कोई मजबूरी रही होगी ।
- मत बताओ तुम्हारे गाँव की दूरी ,मुझे पता है दो इंच है तुम्हारे दिल
की दूरी ।
- कुछ ऐसे लोग होते है जो बिना कुछ लिए ही दीये होते है । उनके
पास घर नहीं होता , जहाँ वो जाते है वही रोशनी लुटाते है ।
- अपने को कुछ ऐसा बनाओ , महफिल में हंसता , तन्हाई में रोता
बनाओ ।
- मैं सबको रास्ता दिखा अकेला खड़ा रहा , सब अपनो से गले
मिलने लगे ।
- एक घर में कितनी दीवारें उठने लगी , घर का अस्तित्व खोने लगा ।
- हाथ मिलाओ भले दिल न मिले , दुश्मनी का ही सही पर रिश्ता न
तोड़ो ।
- उतरना दरिया में नहीं भरी आँख में सीखो ।
भरना टोकरी नहीं , हरे घाव सीखो ।।
- बड़े हो गये बड़पपन नहीं आया ।
अभी भी कहते हो ये अपने , ये पराये ।।
- बहुत खुश होता हूँ देख उस पतंग की ऊँचाई ।
दिल सहम जाता है देख डोर किसके हाथ में है ।।
- आँख में आँसू आ गये सुन कर सुनार के बारे में ।
इमानदार इतना है पीतल की बालियाँ है उसकी बीबी के कान में ।।
- सोच कर रूह काँप जाएगी तुम्हारी ।
- जिन चिरागों को तुम जला रहे हो वही तुम्हें जला देंगे ।।
- हम काम ना आ पाए तुम्हारे , दर्जा ले लो दोस्ती का ।
जो रगों में ना दौड़ पाए वह लहू किस काम का ?
- दिल दहल जाएगा आपका सुनकर यह बात ।
कल साँप मर गया इन्सा के काटने से ।।
- दिखावा मत करो दोस्ती और प्यार में ।
गला काटने को गले ना मिलो ।।
- डरना ना सीख पाए दूसरों के खौफ से ।
हमें देख दूसरों को याद आती है औकात अपनी ।।
- शहर में रह ना सके हम बदनाम हो गए इतने ।
सोचा श्मसान चले तो वहाँ मुर्दों ने आना बन्द कर दिया ।।
- मत भूलो उस अन्धेरे के साथी को , कल फिर सूरज डूबेगा ।
- कुदरत ने भी क्या संरचना , की सख्ती ना आए जुबान में इसलिए
हड्डी ना दी ।
इंसान ने कुदरत के नियम को तोड़ा तभी तो जुबान में विष को
घोला ।।
- मैं ना पा सका मंजिल तो क्या ? मेरे दिखाए रास्ते पर अभी भी
चल रहे हैं लोग ।
- किसी के दुःख में दुःखी होना सीख ले ।
किसी के सुख में सुखी होना सीख ले ।।
- आप किसी के दुःख में दुःखी हो सकते हैं ।
बड़ा मुश्किल होता है किसी के सुख में सुखी होना ।।
- बातों में प्यार है , दिल में दगाबाजी है ।
तुम खुद ही सोच लो क्या ऐसे में ईश्वर राजी है ।।
- अन्याय करने वालों को यह बात बता दो ।
कर्म आते जरूर हैं पर बताते नहीं ।।
- मत उलझों उन लोगों से , जो आग हाथ में ले तासीर पूछते हैं ।
- मत बताओ गहराई उस साहिल की ।
हाथों से तैर कर किनारे पर आए हैं ।।
- खून तो हल्का गहरा होता है, पर आँसू एक सा होता है ।
- जबसे अपनों ने धोखा दे शुरू किया ।
खुद मुश्किल से निकलना सीख लिया ।।
- गुलिस्ता मुरझाता है , इंसान के शब्द नहीं ।
- कठिनाइयों से लड़ने का जिन्हें होता है हौसला ।
दुआ देती कठिनाइयां तू जीतेगा , बस बुलंद रख फैसला ।।
- मोहब्बत तो जंगलों में भी बसर कर लेती है ।
उसे नहीं होती चाह मकबरों की ।।
-धोखा देख , नाव ने कुछ अनुभव सिखा दिया ।
पानी में तैरना ,भँवर को तोड़ना सिखा दिया ।।
- जिन्दगी गुजर जाती है एक मकान बनाने में ।
तुम सम्भल नहीं पा रहे बस्तियां जलाने से ।।
- हो जाएंगे तैयार बगावत के हालात ।
ना दोगे खून के बदले पसीने का सिला।।
- बुढ़ापे में सुधारने से क्या होगा ? जवानी में किए कृत्यों का फल
जरूर होगा ।
- मत सोचो तुम्हारे रुकने से रुक जाएंगी सभी गतिविधियाँ ।
माली के ना रहते भी आई और आएँगी फुल बड़ियाँ ।।
- ढह जाती हैं ऊंची इमारतें भूकम्प आने पर ।
हमें हिला नहीं पाते , हम बुनियाद के पत्थर हैं ।।
- मत इठलाओ आज की बहार पर ।
जो खिला है वही मुरझायेगा यह भी सत्य है ।।
- मत करो आज अपने नाम का फिक्र ।
कल तुम ही ना रहोगे तो नाम क्या करेगा ?
- तमाम उम्र गई पर खुशी ना मिली ।
दिल तोड़ दिया साथ निभाने वालों ने ।।
- अचरज है उसने पीना छोड़ दिया ।
उसे तो नजरों से नशा होने लगा ।।
- सोच बड़ा अजीब लगता है , मरने की दुआ माँग ।
मरने से डर लगता है ।।
- मत करो मौत को बदनाम , यही आएगी तुम्हारे बुरे वक्त के काम ।
- मुंह चलाने से पहले , दिमाग चलाओ ।
- आग लग जाती है सेकंडो में नफरत की ।
सदियां गुजर जाती हैं इन शोलों को बुझाने में ।।
- कोई के आने का इंतजार होता है ।
कोई के लेट जाने का इंतजार होता हैं ।।
- हम बिक जाते है मूफ्त में उनके हाथों ।
जिनकी एहसान करके झुक जाती है नजरें नीचें ।।
- मत कहो दुम हिलाने वालों को अपना ।
कुर्सी मिलते ही पहले तुम्हें नोचेंगें ।।
- बाप के कैश पर ऐश करना कौन नहीं जानता ?
कीमत तब पता चलेगी जब कमाने लग जाओगे ।
- पहले रहा करते थे दरिंदे जंगलों में ,
सोचता हूँ अब उनकी कहाँ कमी हैं ?
- बेफुजूल का है मौत का डर , तुम जिन्दा ही कब थे ।
- किनारें पर खड़े होकर गहराई पता नहीं चलती ।
मोहब्बत किये बिना सच्चाई पता नहीं चलती ।।
- हम मर सकते हैं , हार नहीं सकते ।
- दूसरे तुम्हें कुछ बताये या न बताये ।
लेकिन समय तुम्हें बहुत कुछ बतायेगा ।।
- जब तक चलेंगे , तब तक करेंगें ।
- दूसरे तुम्हें सब कुछ बताये ये मुमकिन नहीं ।
समय तुम्हें कुछ न बताये ये भी मुमकिन नहीं ।।
- कितनी मेहरबानी होती , इन्सान कम इंसानियत ज्यादा होती ।
मरने से बड़ा कुछ है ?
-तुम्हारी एक क्षण की खता , सदियों को दे सकती है सजा ।
- फिजूल में बदनाम है ऊपर वाला , हम करने में भी कमी नहीं रखते ।
- सांप भी डरने लगा इंसा को काटने से ।
अब मिलते नहीं वो दिलरुवा इंसा ।।
- बहार जब भी आयेगी उपवन में आयेगी ।
भले हकदार बंजर जमीं हुई तो क्या ?
- फल न दे तो छाव लेते रहो , बूढ़े पेड़ की दुआ लेते रहो ।
- समझौते करो पर जिन्दगी से नहीं , जिन्दगी में करो ।
- जब बुरा समय हो तब कोई कदम रखने से पहले फूंकों फिर रखो ।
- अवसर , मित्र और दुश्मन बार-बार नहीं मिलते ।
- कितना ही लगा साबुन कोयले को , गोरा नहीं हो सकता ।
कितना ही पढ़ा दो मूर्ख को विद्वान् नहीं हो सकता ।।
- मत उलझाओ जिन्दगी को सवालों की तरह ।
हल न मिलेगा मकड़ जालों की तरह ।।
- दो दिन के मेहमान हैं हम , आँख खुलने पर सपना ।
आँख लगने पर अपना , श्वास रुकने पर जपना चला जाता हैं ।।
- न अभी तुम अधूरे , न अभी तुम अभागे और न अभी तुम जागे ।
- धैर्य रखो ये समय भी गुजर जाएगा ।
बुरा मत मानों जब खुशियाँ ही नहीं तो गम की क्या औकात ।।
- स्वार्थी होना सही नही लेकिन जो करो अपने लिए करो ।
आप सभी को खुश नहीं रख सकते ।।
- जिसकी दो आँखें उसी को न देख सकीं ।
अपनी खबर नहीं परायों में लगीं रहीं ।।
- दुनियाँ में कुछ ऐसे भी हैं,जो बेमतलब को मतलबी बना देते है।
- ये आँसू नहीं , अपनो को कमजोर करने की दवा है ।
- स्त्री से दिल लगाने से तो अच्छा है इस्त्री से दिल लगा लो ।
जलाते दोनों ही है एक धीरे-धीरे और एक तुरन्त ।।
- उगते सूरज में लाली है , ढ़लते सूरज में लाली है ।
दोनों कितने अन्तर वाली है ।।
- मत बहाओ आँसू ये तो मोती है , कूंद पड़ो अग्नि में खिलोगे अंगारों में । आँखे लाल दिखाना मत टूट जायेंगें पर्वत भी , उंगली एक दिखा दोगे टूट जयेगें तारे भी ।।
- झुक जाओ नीचे , क्या कभी पानी को ऊपर देखा ?
- जो कठिनाईयों को मात देता है , जीवन भी उसी का साथ देता है ।
- दर्द याद दिलाता है , दौलत याद भुलाती हैं ।
- गिरोगे औकात पता चलेगी , अपने कितने है ये बात पता चलेगी ।
- स्त्री हमेशा भविष्य पर विश्वास रखती है , प्रेम पर नहीं ।
- जो घाव बने औजारौं से , वो घाव तो निश्चित ठीक होगें ।
जो घाव बने हैं अपनों से , उन घाव का मलहम क्या होगा ?
- बुराई करके मन मत भरो , बराबरी करके तो देखो ।
- सोने से पहले याद करो , तुम्हारा लक्ष्य कितनी दूर है ?
शायद नींद भाग जाए ।
- हिम्मत मत हारों , रास्तों की जिन्दगी बड़ी होती है ।
- नहीं है कोई अपना दुश्मन , मैं फिर भी परेशान हूँ ।
क्यों दे रहे धोका अपने इस बात से हैरान हूँ ।।
- मीठे बोले बिना पैसों से सब कुछ खरीद सकते हैं ।
- दुनियाँ गोल होती है अगर लक्ष्य निर्धारित है ।
तो दुनियाँ उस रुप होती है ।।
- रास्तों की जिन्दगी बड़ी होती है ।
पर चलने वालो की कमी होती है ।।
- जब हम किसी को अपना बनाते हैं ।
तो हमें अपने लिए जगह नहीं मिलती ।।
- बड़ी बातों में न बहको , छोटी बातों में न बिखरों ।
- माना धन के बिना कुछ नहीं होता ।
पर धन से ही सब कुछ नहीं होता ।।
- आपकी सोच से आपकी उम्र पता चल सकती है ।
- बहुत दूर जाना पड़ता है अपनों से ।
ये जानने के लिए कि हमारे पास कौन है ?
- तुम अपना कुछ ऐसा अंदाज रखो ।
तुम्हें न समझे जो उन्हे नजर अन्दाज करो ।।
- अपने हौसलें बुलन्द रखो ,उसके फैसले खुद तंग हो जाएगें ।
- मत कर प्यार , कच्चा मकां है तू ।
तिनका-तिनका कर देगी मूसलाधार बाड़ है वो ।।
- हकीकत के लायक नहीं होता ख्वाव ।
करने के लायक नहीं होता प्यार ।।
- जीभ से अन्दर गई , सब माटी भई ।
- मत समझो दुश्मन को दुश्मन , दुआ दो मित्र बनने की ।
- मत इठला अपनी बहारों पर , शाम ढलती है देख लेना तुम ।।
- मुझे पता चल जाती तुम्हारे प्यार की ऊंचाई ।
जो खत में लिखा नहीं होता वो तुम पढ़ लिये होते ।।
- मौसम नहीं रुकेगा भले तुम रहो परेशानी में ।
नादान लोग क्यों सोच रहे है मौसम से लड़ने की ।
- नहीं समझ दुश्मन को दुश्मन , हमने दुआ दी है अपने कातिल को
जीने की ।
-जहाँ पहुचें कदम हमारे वहाँ होते पैदा किनारें ,
तूफानों में दम कहाँ , डुबों ले जाए हमें यहाँ ।
- क्या सोचते हो इतना इक बार कह कर तो देखों ,
निगाहों का सफर कब खत्म होगा ।
- बहुत शर्मिंदा हूँ साँप की यह बात सुन ,
जीने लायक न बचा इंसा को काट कर ।
- मुझे लिखना पढ़ना न आ सका कोई कष्ट नहीं ,
पर दूसरों के जिगर में अपनी छाप छोड़ना बड़े सलीके से आता है ।
- हद में रहो गुरुर मत समझों , हद में रहना सीखो गुरुर में नहीं ।
- अपने और अपनों से दूर हुए बिना मशहूर नहीं हो सकते ।
- मत छिपाओ दोस्तों अपना मुँह , अब मैनें चेहरे पढ़ना छोड़ दिया ।
- अपनो से दूर होते जाओगे , इस शहर में मशहूर होते जाओगे ।
- सारी नाकाम चीजों को किया एकत्रित तुमने है ,
जब बना न तुमसे कुछ तो बना दिया दिल ये मेरा ।
- तुम हिम्मत न हारो तो यकीन मानों ,
कदम चूमेगी खुद आ मंजिले तेरी ।
- पराया डुबो दे हमको दरियाँ में तो कोई बात नहीं ,
हम तो डूबे है अपनों के भरोसे पर ।
- तुमने जिन हाथों से उपवन उजाड़े है ,
उन्हीं हाथों से श्मशान संवर जाता ।
- आग तो लगा दी लगाने वालों ने यह बात भूल ,
आग को तमीज नहीं होती अपने परायों की ।
- हम तो नदी है रास्ता बना ही लेगें , बताओ कहाँ जाओगें ,
तुम तो पत्थर ठहरे ।
- ईट , पत्थर के खड़े करने को घर नहीं कहते ,
जहां पर प्यार बसता है वही तो घर कहाता है ।
- तू-तू से पहले तुम , तुम से पहले आप , आप से पहले प्यार ,
इसीलिए मेरे यार तुम ना करो प्यार ।
- नजरों से उतरे हैंहम क्योंकि बावफा हैं ,
तुम्हें तलाश कोई बेवफा की है ।
- गलती दूसरों की देख अफसोस तो करते हैं , सीखते कुछ नहीं।
- इतनी गहरी दोस्ती होने पर भी तुम्हें मंजूर है जुदाई ।
- बदलती तकदीर हर वक्त , ना दिल मायूस करो ना इरादे बदलो ।
- मुजरिमों की लाइन में बैठा हूं गुनाह मुझे पता नहीं ,
सजा मुझे मालूम है लेकिन खता का कुछ पता नहीं ।
- जब जब सोचा हमने रूह कांप गई हमारी ,
क्या-क्या नहीं गुजरी इंसान के हाथों इंसान पर ।
- कुछ नरमी से छुआ कांटों को अलग एहसास होगा कुछ लोग हैं ,
बेदर्द जिनका ख्वाब है फूलों को मसलना ।
- खुशी ने वादा कर दिया आएंगे हम पांचवे दिन ,
क्या पता सुन लिया होगा जिंदगी चार दिन की है ।
- जब लगा दी दुश्मनों ने आग हमारे उपवन में ,
जिन्हे पाला था हमने वही पत्ते हवा देने लगे ।
- रह लूंगा सहम कर एक कोने में मत फेंको मुझे , माना मैं कांटा हूँ ,
लेकिन पला तो उसी उपवन में हूँ ।
- सोचता हूँ कोई दुश्मन है मेरे अंदर ,
जब ही तो तनहाई से डर लगता है मुझे ।
- मत याद करो जिन्दगी में जरुरतों को तुम ,
कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें कब्र से भी कम जमीं मिली ।
- भगवान की पूजा करने से क्या ? जब तुझे नफरत है
उसके इंसां से।
- अगर तुम जिन्दगी जीना चाहते हो तो , बेहोशी में दुश्मन से ,
होस में दोस्त से डरना सीख लो ।
- अपने कारनामों से ही बस यूँ किताब न भरों ,
कुछ गुनाह लिख कर भी किताब को रंगीन करो ।
- हम वो पत्ते नहीं जो हवा के रुख से टूट जाते हैं ।
हम वो पत्तें है जो हवा का रुख मोड़ देते हैं ।
- हम साथ नहीं देते उन पत्तों की तरह जो जरा से झोंकें से,
साथ छोड़ देते है ।
- आपका रूतवा देख झुक जातीं हैं नजरें ,
जो नजरें देख लेती है वो फिर उठ नहीं पातीं ।
- माना वो लोग मिलते नहीं तो क्या , होते तो हैं हीं ।
जिनसे मिलकर जिन्दगी से प्यार हो जाए ।।
- साथ रहने दो हमारे साथ अपनी यादों को ,
न जाने किस घड़ी ये जिन्दगी की घड़ी रुक जाए ।
- इस तरह और क्या करता जुल्म वक्त इंसां पर ,
जिस्म बूढ़ा कर दिया , दिल , इच्छा , ख्वाव जवां रहने दिया ।
- हवा से कह दो औकात में रहें , हम वो पत्ता नहीं ,
जो तेरी शान से झुक जाय ।
- चेहरे उतर जायेंगें अपनों के , गर पूछा कि किस-किस ने धोका
दिया ।
- भले ही नाम न हो तुम्हारा , तो भी जीना अच्छा हैं ।
लेकिन बदनाम होना तुम्हारे लिए मरने जितना है ।।
- मत मिलो उनसे जो आपकी औकात से ऊँचे है ,
नदी समुन्दर में मिल , नदी नहीं रहती ।
- कालिख चेहरे पर है , मत दोष दो आईनें को ।
बाहर तो चमका लिया अब अंदर भी देख लो ।।
- जातियों में बट गये इंसानियत भूल ।
- अस्तीन में छुपा खंजर , सुलह करने आ गये ।
- मतलब की बात नहीं , बात का मतलब समझों ।
- बिना ज्ञान के इंसा को इंसा गधा बना देते हैं ।
- जिन्दगी कौ काटो नहीं , जीओ ।
- कुछ दफा हुई बेबफा हमारे साथ ,
फिर दफा हो गई बेबफा हमारे साथ ।
- जो भी मेरे दिल के करीब होता है , वो मेरे शब्दों में फकीर होता है ।
- तुम्हें अपना समझ आराम के लिए सेज मांगी ,
तुमने भी दिखा अपनापन दी काटों की सेज ।
- मूल्यवान यह नहीं कि आप क्या है ? मूल्यवान यह हैं
कि आपकी योग्यता क्या है ?
- सौ दफा की गलती तुमने , हमने कहा दफा हो जाओ
तो बेबफा हो गये ।
- आम लोग कहते है जीवन में कुछ करना हैं तो ये-वो करो लेकिन
सिर्फ जैन गुरू ही हैं जो कहेंगे ‘ जीव ’के लिये कुछ करना हैं तो
कुछ मत करो ।
- सोचता हूँ समय पर एक मन्दिर बने जहाँ आगे की पीढ़ि अपना
इतिहास पढ़ सके और सुधर सके ।
- दूसरों के दुःख पर अगर रोना आ गया ,
तो समझ तुझे इंसां बनना आ गया ।
- लक , भाग्य , किस्मत , नसीब ये चारों ही ‘ मेहनत ’ से छोटे होते हैं ।
- गलती की तुमने सौ दफा , कहा हमने एक दफा , कर न सके हम
बफा , हो जाओ तुम दफा , हो गये हम बेबफा ।
- लाखों माचिस की तीली बन सकती हैं एक पेड़ से ,
एक तीली से लाखों पेड़ जल सकते हैं ।
- खूबसूरती मत निहारों , सुन्दरता निहारों ।
खूबसूरती सबको दिखती है , पर सुन्दरता किसी-किसी को ।
- जोखिम उठाने से न डरे , क्योंकि जीते तो सफल ,
हारे तो समझदार बनेगें ।
- कागज नसीब से , पतंग काबलियत से उड़ती है ।
नसीब के भरोसे मत बैठो , काबलियत पैदा करो ।।
- रास्ता खूबसूरत है तो मंजिल का पता लगाओ कैसी है ?
मंजिल खूबसूरत है तो परवाह मत करो रास्ते की ।
- करो गलती तुम सौ दफा , कहे हम एक दफा , तो हो जाए बेबफा ।
- वक्त और गुरु दोनों ही सिखाते है , वक्त परीक्षा लेकर सिखाता है ,
गुरु सिखाकर परीक्षा लेता है ।
- जहाँ आदमी को देख आदमी जलता हो ,
वहाँ माचिस की जरुरत हो सकती है ?
- जब से घिरा हूँ दूसरों से , तब से अपना घर भूल गया।
- अगर वक्त अच्छा सिला देता तो घड़ी में काँटे नहीं फूल होते ।
- समय के रहते सभंल जाओ वरना समझने का मौका नहीं मिलेगा ।
- मत घिरों गैरों से इतना , जहाँ से बंद हो जाए दिखना घर अपना ।
- अध्ययन कम हो पर काम का हो ।
- दूसरों को तो बहुत समझा लिए अब आप समझ जाओ कि दूसरों
को समझाना नसमझी हैं ।
- ख्वाव हूँ हकीकत के लायक नहीं बवफा हूँ बेवफा के लायक नहीं ।
- तुम, बिन गुरु के मंजिल पाने के लिए चल तो सकते हो पर पहुंच
नहीं सकते ।
- समझो दूसरों को समझाना नासमझी हैं।
- अपनों से दूर जा रहा हूँ , दूसरों को नजर आने के लिए ।
- गांव में वर्षा ना हो तो फसलें खराब हो जाती हैं ,
गांव में बाढ़ आ जाए तो फसलें खराब हो जाती हैं ।।
- हमने अपना कुछ ऐसा अंदाज रखा है ,
जो हमें ना समझे उसे नजरअंदाज रखा है ।।
- आँखें चरित्र और हृदय का दर्पण होती हैं ।
- जो मुंह नहीं कह सकता वह आँखें कह देती हैं ।
- ऐसा मत करो कि अपने को अपने ही समझ ना आए ।
- मत कहो कि भगवान सुनता नहीं वह तो चींटी के पैर की आवाज
भी सुन लेते हैं ,और चिल्लाकर कहने से नहीं सुनते ।
- मुझे दुःख सिर्फ इसका रहेगा की अपनी अंतिम यात्रा में मैं ही ना
रहूंगां ।
- आँखों जैसा ऑनर और मन जैसा वर्कर कहां ?
- आँखें जैसा निर्देश देती हैं मन वैसा ही कार्य करता हैं ।
- मेरी मेहनत तेरी मेहरबानी।
- फोन से बात करने पर बिल देना पड़ता है प्रभु से बात करने पर
दिल देना पड़ता है।
- कर लो दूसरों पर भरोसा पर यह सोचकर कि अंधेरे में अपनी
छाया भी साथ छोड़ देती है, तो दूसरों की बात ही क्या ?
- हे गुरुवर!अगर तुम ना होते तो मेरी बेरंग जिंदगी को बेहतरीन कौन
करता ।
- गुरु के द्वार को छोड़कर आप कहीं भी चले जाओ चैन नहीं मिल
सकता ।
- दूसरों को तांकने से अच्छा अपने को तलाश लो ।
दूसरों पर वात्सल्य रखो बासना नहीं ।
- कुछ लोगों का तन पत्थर का , कुछ लोगों का मन पत्थर का ।
- उनके बोल सार्थक है जो दूसरों को प्रेरणा दे जाएं ।
- मैं तो मात्र एक कांच का टुकड़ा था , जब से गुरु ने छुआ हीरे से
बेहतर हो गया ।
- चलना तो उनका सार्थक है जिनके चलने से रास्ते बन जाए ।
- समय रूपी नदी में सब्र वह जाता है ।
-हम तो अकेले ही सफर तय कर रहे थे ,
लोग मिलते गए परिचय बढ़ता गया ।
-कुछ इस तरह जियो जिंदगी को अपनी ,
गैरमौजूदगी में याद आए आपकी ।
-जहां तुम सुख पाने की सोच रहे हो ,
वहां तुम जैसे अनेकों मूर्ख खाक में मिल चुके हैं ।
- कब तक तुम दूसरों के आश्रित हो उपलब्धियां प्राप्त कर लोगे ?
- जिसके पास चाह है उसके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं ।
- बहुत दूर आ गए हम अपनों से , अपनों को तलाशते- तलाशते ।
- मत करो अपनी तारीफ जमाना जानता है परखना ।
- सूर्य को एकटक देखना , समुद्र को तैर कर पार करना ,
तारे गिनना संभव है , लेकिन स्त्री के मन को जानना संभव नहीं ।
- मोह की महिमा-जब दिल लगा गधी से तो , परी क्या चीज है ।
- उस व्यक्ति का माता के गर्भ में विलीन होना श्रेष्ठ है ,
जिसके जीवन में चारित्र नहीं ।
- माना जिसने जितनी चोट खाई उसे उतना दर्द हुआ ,
लेकिन उतना ही वह आगे भी बड़ा ।
- ज्ञान , तप , दया , विनय आदि तभी सार्थक है ,
जब आपके पास उत्तम चारित्र है ।
- अगर आपके पास चारित्र नहीं तो बहुत कुछ होने पर भी उसकी
कीमत नहीं होगी ।
- दर्द ऐसी चीज है मिलते ही अपनों की याद दिला देती है
और दौलत मिलते ही अपनों को भुला देती है ।
- बिना ज्ञान के क्या कर सकते हैं ? न धन कमा सकते हैं ,
न सुख भोग सकते हैं और न ही धर्माचरण कर सकते हैं ।
- ज्ञान का अर्जन , अज्ञान का विसर्जन ।
- जैन दर्शन जो कहता है वह दिखता तो ,
बहुत से जीव बिना पुरुषार्थ के ही मुक्त हो जाते ।
- चाह तब तक ही है जब तक वस्तु की प्राप्ति नहीं ,
वस्तु की प्राप्ति होने पर चाह नहीं रहती ।
- जिन्दगी तो सब की कट जाती है लेकिन जिन्दगी को जीना बहुत मुश्किल है ।
- जागृत होने की कोई उम्र और रास्ता नहीं होता ।
जब जागो तब ही सबेरा ।
- बिना ज्ञान के जप-तप , पशुओं के करतवों सा है ।
- दुनियाँ अनुकूल को अपना और प्रतिकूल को पराया क्यों कहती है ?
- दुनियाँ अच्छे को अच्छी , बुरे को बुरी और जैसे को तैसी है ।
- व्यक्ति व्यसनों का सेवन सुख प्राप्ति के लिए करता है
लेकिन क्या उसे सुख प्राप्त होता है ?
- जिस प्रकार आँधी बड़े-बड़े पेड़ भी गिरा देती है ,
उसी प्रकार अज्ञान बड़े -बड़े अज्ञानी गिरा देता है ।
- अनीति , अन्याय , सुख नहीं दुःख देते हैं ।
- लोक में हाथी , सिंह , सर्प , राजा को शांत किया जा सकता है ,
लेकिन ज्ञानहीन को नहीं ।
- बता दो जहाँ को कमजोर इरादों को कब मिली मंजिल ?
- वह मंजिल पाना किस काम का जहाँ हमें अपनों को नजर अंदाज
करना पड़े ।
- सबसे बड़ा शत्रु हमारी नकारात्मक सोच है ।
- जिन्हें अपने यश की चाह है , वो अपने छोटे दोष को भी बड़ा
जानों , क्योंकि वह आपके यश की हानि का कारण हो सकता है ।
- मित्र का साथ और दुश्मन का आताप ,
आसमान जितना असीम हो तभी ही मजा है ।
- जिस प्रकार गर्म तवे पर पानी डालने से उड़ जाता है उसी प्रकार
गुरू से अपना पाप कहने पर धुल जाता है ।
- सीख उसे दो जो सीख सके ।
- एक तरफ मूर्खपना , एक तरफ ज्ञान , बीच में आए विपदायें हजार
तो भी सहे जा ।
- लगे रहों ज्ञानार्जन में ।
- इज्जत देने पर भी क्यों नहीं मिलती ?
- ऐसा ज्ञानी कोन सा है जिसने ज्ञान की चाह नहीं की ?
- जैसा करोगे , वैसा भरोगे ।
- औजारों की क्या जरुरत जब अपने ही पास हों ।
- मूर्ख छोटो को देखकर अपने को बड़ा समझता है और समझदार
बुद्धिमान को देखकर प्रयत्न करता है ।
- चिन्ता से ग्रस्त मनुष्य सभी प्रकार के साधनों से युक्त होता हुआ भी
दुःखी रहता है ।
- दुनियाँ का सबसे सुन्दर झूठ-वो मेरा है ।
- मित्र का साथ आकाश के समान असीम होता है ।
- जिन्दगी में हारा जीता नहीं जीया जाता है ।
- गुस्से का प्रयोग सिर्फ दुश्मन पर होना चाहिए न सिर्फ अपनों पर ।
- अपने आप को अकेला , अभागा , अधूरा तब तक ही मानना जब
तक आप जाग नहीं जाते ।
- व्यक्ति का सबसे बड़ा डर है डरना ।
- भय की चरम सीमा को ही ’ निर्भयता ’ कहते हैं ।
- व्यक्ति का प्रेम दो लोगो पर ही उमड़ता है ।
एक तो माँ के लिए और दूसरा माँ बनाने के लिए ।
- इतिहास साक्षी है न आज तक किसी की हार हुई है ,
न जीत । जिसने माना उसकी हार , जिसने ठाना उसकी जीत ।
- सब कहते हैं हम हीरे हैं । पर हम से पूछो हम कितने कमीने हैं ।
- जिन्दा रुकता नहीं , मुर्दा चलता नहीं ।
- काम करो ऐसा जो हर वक्त काम आय ।
- लक्ष्य प्राप्ति में जान की कुर्बानी , शरीर को ‘ मृत नहीं ’ ‘अमृत ’
प्रदान करती है ।
- गलती होने पर सफाई देना , गलती से बचना नहीं , अपने आप को
धोका देना है ।
- अगर दोस्त न होते तो दुश्मन भी न होते ।
- अगर हमारे अंदर कार्य करने की योग्यता है , तो हमें मूर्ख और
समझदार व्यक्ति के चुनाव की आवश्यता नहीं ।
- मित्रता में बातें दर्पण जैसी और साथ परछाई जैसा होना चाहिए ।
- बस अच्छा आचरण करो , आपका अनुशरण सब ही करेगें ।
- अगर आप में शिष्टता और मिष्टता नहीं है तो
आपका बहुत कुछ पाना व्यर्थ है ।
- बिना मीठे वचनों के , संसार में कितना खारापन है ।
- बिना बोले ही अच्छा आचरण , अनुकरण करवा लेता है ।
- घातक अज्ञानी , नहीं लापरवाह व्यक्ति है ।
- परिगृह और परिवार से छूटना बहुत मुश्किल है ।
- जो दिल में होता है उसे देखने की आवश्यकता नहीं होती ।
- जो फोटो में साथ होता है वे मुश्किल में क्यों साथ छोड़ देता है ।
- दुश्मनी का वृक्ष दोस्ती रुप भूमि पर ही ऊगता है ।
- दुश्मनी दोस्ती में छिपकर आती है ।
- अगर कल चैन की नींद चाहते हो तो आज जागो ।
- आज की मेहनत कल सुकून की नींद दे सकती है ।
- वर्तमान सुधारों , भविष्य सुधर जाएगा ।
- तुम बनाओ इक सपना , जहाँ न कोई अपना ।
- आप कुछ लोगों को तो खुश कर सकते हैं लेकिन दुनियाँ को खुश
करना एक असफल प्रयास ही रहेगा ।
- आपके सफल प्रयास को देख खुश तो परायें होगें ,
अपने तो टांग खीचते है ।
- गुस्सा दुश्मन से भी ज्यादा बुरा होता हैं ।
- अहंकारी और अंधे में क्या अंतर हैं ?
- क्रोध आपसे सब कुछ ले सकता है और नम्रता खोई वस्तु भी दे
सकती है ।
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